“ख़ामोशी बहुत कुछ कहती हे कान लगाकर नहीं , दिल लगाकर सुनो…”😟💔😢
“वो मुझे भूल ही गया होगा, इतनी मुदत कोई खफा नहीं रहता.”😟💔😢
“ज़रुरत है मुझे कुछ नए, नफरत करने वालों की, पुराने वाले तो अब चाहने लगे हैं मुझे”💔 💔
“टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी.”💔 💔
“हम तन्हाई में भी तुझसे बिछड़ जाने से डरते है तुझे पाना आभी बाकी है और खोने से डरते है |”😟💔😢
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़, वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे…!!💔 💔
“कुछ तो रहम कर ऐ जिन्दगी हम कौन से यहाँ बार बार आयेंगे !”😟💔😢
“सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा, सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मै खुद तय कर लूँगा.”😟💔😢
“तू तो मेरी जान है फ़िर क्यूँ?? तेरी ही याद मेरी जान ले रही है ?”💔 💔
“तेरी यादों की दुनिया में बहुत महफूज रहते हैं, जहां न कुछ खोने का डर है न अब कुछ पाने की तमन्ना”😟💔😢
“धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक, हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते |”💔 💔
“एक बात पूछूं जवाब मुस्कुरा के देना ,मुझे रुला कर तुम खुश तो होना ?”😟💔😢
“तन्हाई में अक्सर इस बात का दुःख होता है, मुझे सब याद आते है मैं किसी को याद नहीं ।”
"“मोत से तो दुनिया मरती हैं, आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं |”😟💔😢 "
“यकीन करो मेरा ,लाख कोशिशें कर चुका हूँ मैं ना सीने की धड़कन रुकती है, ना तुम्हारी याद !”💔 💔
“ख़ुदा भी अब किस- किसकी, फ़रियाद सुने किसी का कल खोया है तो, किसी का आज नही है |”😟💔😢
“वो भी बहुत अकेला है मेरी तरह शायद उस को भी नहीं मिला कोई ‘;चाहने वाला”😟💔😢
“किस बात का बदला लिया है तुम ने मुझे अपना बना के इस तरह तनहा छोड़ा है, की मैं अपना भी न बन सका |”💔 💔
“किस बात का बदला लिया है तुम ने मुझे अपना बना के इस तरह तनहा छोड़ा है, की मैं अपना भी न बन सका |”💔 💔
“मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए, वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये.”😟💔😢
“सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले, ऐसी मेरी नियतं हैं, मौंत से पहले तूं भी बता दे ज़िन्दगी, तेरी क्या किंमत हैं.”
“हिंदी भी अजीब भाषा है – घडी बिगड़ जाये तो कहते है – बंद है और लड़की बिगड़ जाये तो कहते है – चालू है.”
“मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी…”😟💔😢
“तोड़ कर देख लिया आईना-ए-दिल तूने; तेरी सूरत के सिवा और बता क्या निकला।”
“ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार, दोनों मिल कर उसे भूल जाते है…”😟💔😢
“एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी, छोड़ के जाए कोई भी शौक से, मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !”
“बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम, चाहे दिखाई ना दे, मगर ‘महसूस’ जरूर होते हैं.”😟💔😢
“चलती हुयी “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास साहब लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है |”
“कुछ इस तरह से नाराज हैं वो हमसे, जैसे उन्हें, किसी और ने मना लिया हो !”
“सब छोड़े जा रहे हैं आजकल हमें, ऐ जिन्दगी ! तुझे भी इजाजत है “जा ऐश कर”😟💔😢
“रात भर जागता हूं..एक ऐसे शख्स की यादों में, जिसे दिन के उजाले मेँ भी मेरी याद नही आती !”
“हम बने थे तबाह होने के लिए तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था !”
“कभी आंसू, कभी सजदे, तो कभी हाथों का उठ जाना, मोहब्बत नकाम हो जाएँ, तो रब बहुत याद आता है |”
“मुद्दतों बाद लौटे हैं तेरे शहर में एक तुझे छोड़ और तो कुछ बदला नहीं |”😟💔😢
“अब कोई और ही मुसीबत हो ये न हो कि फिर मोहब्बत हो |”
“कभी आंसू, कभी सजदे, तो कभी हाथों का उठ जाना, मोहब्बत नकाम हो जाएँ, तो रब बहुत याद आता है |”😟💔😢
“क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे, तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है…!”
“इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना ए दोस्त, इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है…!”😟💔😢
“पहले नहीँ पर अब सोचने लगे हैँ हम… जिँदगी के हर लम्हेँ मेँ तेरी जरुरत सी क्योँ लगती है…”
“जयादा लगाव ना रख मुझसे मेरे दुश्मन कहते है, मेरी उम्र छोटी है डर मौत का नहीं तेरे अकेलेपन का है।”😟💔😢
“यूँ तो वजह बहूत हैं मेरे रूठ जाने की मगर…इस ख्याल से चुप हूँ कि मनायेंगा कौन…
“ऐ बादल! मेरी आँखे तुम रख लो… कसम सें बड़ी माहिर हैं बरसने मे…”😟💔😢
“तन्हा रहना तो सीख लिया हमने, लेकिन खुश कभी ना रह पाएंगे, तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता ये दिल, लेकिन तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे.”
“उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों की तरह… उसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया…”
“किसी को इतना मत चाहो की भुला ना सको, “ज़िन्दगी इंसान और मोहब्बत” तीनो ही बेवफा हैं |”
“कैसे ना मर मिटु उस पर यारों, कोई तो बताना पगली रूठ कर भी कहती है, सुनो संभल के जाना |”
“हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है, जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते |”
“पीना तो मुझे आता भी नहीं था, वो तो तेरी दो पल कि मोहब्बत ने मुझे शराबी बना दिया |”
“हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है, जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते |”
“तेरे पहलू मे जो वक्त हमने था गुजारा, लाख कोशिशें की पर बहुत मुश्किल था उसे भुलाना !”
“सारी दुनियाँ की खुशी अपनी जगह, उन सब के बीच तेरी कमी अपनी जगह…”
“देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे”
“जयादा लगाव ना रख मुझसे मेरे दुश्मन कहते है मेरी उम्र छोटी है डर मौत का नहीं तेरे अकेलेपन का है।”
“बहुत याद आते हैं तुम्हारे साथ बिताए हुए पल, वरना मुझे मर – मर के जीने का कोई शौक नहीं.”
“तुम ख़ुद उलझ जाओगे मुझे ग़म देने की चाहत मे, मुझमे हौंसला बहुत है मुस्कुराकर निकल जाऊँगा…”
“अगर वो मेरे मरने की खबर पूछे तो कह देना, कि… किसी की यादो मेँ था इतना खोया कि साँस लेना ही भुल गया…”
“अब क्या याद करने पर भी जुर्माना करोगे, वो भी चुका देंगे तो क्या बहाना करोगे…?”
“तुझमें छुपे हैं मेरी जिन्दगी के हजारों राज, तुझे वास्ता है मेरे प्य़ार का,जरा खुद का ख्याल रखा कर |”
“उम्र कितनी मंजिले तय कर चुकी दिल बेचारा वही का वही रह गया !”
“बहोत मोहब्बत करती थी वो मेरी मुस्कुराहट से,इसलिए जाते जाते उसे भी साथ ले गयी !”
रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं...अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं ..
इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में।
कभी सोचा न था की वो भी मुझे तनहा कर जायेगा!जो अक्सर परेशान देखकर कहता था.... मैं हूँ न
जब रिश्ते ही दम तोड़ चुके हों.... तो फिर प्यार, इजहार,गलती का अहसास ,सही गलत कुछ भी मैटर नहीं करता। 💕
कभी कभी नाराज़गी दूसरों से ज्यादा खुद से होती है |
उस दिन चैन तो तुम्हारा भी उड़ेगा जिस दिन हम तुम्हे लिखना छोड़ देंगे |
चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका, डर है कहीं कह ना दे के ये हक तुम्हे किसने दिया।
आज परछाई से पूछ ही लिया , क्यों चलते हो.. मेरे साथ..उसने भी हंसके कहा ,और कौन है...तेरे साथ !!
भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है !
जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी हे !
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन ,दिल करता है के उम्र भर उसका इंतज़ार करू !
हजारो चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको.. पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर बो नहीं , तो उसके जैसा भी नहीं।
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में..की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया।
बहुत उदास हे कोई तेरे जाने से हो सके तो लौट आ किसी बहाने से, तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख ,कोइ टूट गया है तेरे रूठ जाने से।
पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है इस दिल का दर्द दिखाए किसे मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है।
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!
तन्हा रहना तो सीख लिया , पर खुश ना कभी रह पायेगे , तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा, पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे।
आज सोचा कि…. कुछ तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ ..!!!
बहुत भीड हो गई है लोगों के दिलों में...इसलिए आजकल हम अकेले ही रहते हैं...!
कुछ रिशते ऐसे होते हैं..जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।
Also check
No comments:
Post a Comment