क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए💔💔
एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया..😢😢
जो बीत गया सो बीत गया…आने वाला सुनहरा कल है वो…..मैं कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी हर मुश्किल का हल है वो💔💔
चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं कह ना दे कि ये हक्क तुम्हे किसने दिया😢😢
कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता , बस निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए।💔💔
आज सोचा कि…. कुछ तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ ..!!!💔💔
गया था मै तुझसे दुर बहुत कुछ पाने के लिए ……….पर सिवाए तेरी यादो के कुछ हासिल ना हुआ !!!!💔💔
गया था मै तुझसे दुर बहुत कुछ पाने के लिए ……….पर सिवाए तेरी यादो के कुछ हासिल ना हुआ !!!!💔💔
जिनको साथ नहीं देना होता वो अक्सर रूठ जाया करते हैं😢😢
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!😢😢
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ,आज ज़रा वक़्त पर आना ” मेहमान-ए-ख़ास ”” हो तुम…💔💔
छोड़ दे तू मुझे गिला भी नहीं, मुझमे अब और कुछ बचा भी नहीं, उसने बस यूँ कहा … चले जाओ जल्दबाज़ी में, कि मैं रुका भी नहीं..
हमे खो दोगे तो पछताओगे बहुत, ये आखरी गलती जरा सोच समझकर करना…💔💔
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले !!😢😢
काश ! के वो लोट आये मुझसे ये कहने , कि तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले !💔💔
कितनी आसानी से कह दिया तुमने,कि बस अब तुम मुझे भूल जाओ, साफ साफ लफ्जो मे कह दिया होता, कि बहुत जी लिये अब तुम मर जाओ.
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह..💔💔
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना…💔💔
जिनसे बेतहाशा मोहब्बत हो उनसे नाराज़गी का ताल्लुक बहुत गहरा होता है यारों💔💔
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?😢😢
चले जाएँगे , एक दिन तुझे तेरे हाल पर छोड़कर , कदर क्या होती है प्यार की तुझे वक़्त ही सीखा देगा।💔💔
मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता।।
जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…😢😢
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ?💔💔
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले !!😢😢
कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता , बस निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए।💔💔
चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं कह ना दे कि ये हक्क तुम्हे किसने दिया😢😢
जो बीत गया सो बीत गया…आने वाला सुनहरा कल है वो…..मैं कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी हर मुश्किल का हल है वो💔💔
एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम दोस्ती निभाते रहे…..और उसे इश्क हो गया😢😢
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया ” उसे ” खुश देखने के लिए💔💔
मुझे फरक नहीं पड़ता,,,,अब क़समें खाओ या जहर..!!😢😢
अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, *क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद कलम तोड़ दी जाती है*💔💔
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है..तो मेरा लहू लेले....यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।😢😢
ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...!! काश दिल भी मान लेता की सब सपना था💔💔
तेरी-मेरी राहें तो कभी एक थी ही नहीं, फिर शिकवा कैसा और शिकायत कैसी
भुला दूंगा तुझे ज़रा सब्र तो कर , तेरी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही।💔💔
वो किसी की खातिर मुझे भूल भी गया तो कोई बात नहीं ,हम भी तो भूल गये थे सारा ज़माना उस की खातिर😢😢
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास , लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको😢😢
उसे क्या फर्क पड़ता है बिछड़ने क्या, सच्ची मोहबत तो मेरी थी उसकी तो नही थी💔💔
ज़िंदगी में मोहबत का पौधा लगाने से पहले ज़मीन परख लेना, हर एक मिटटी की फितरत में वफ़ा नहीं होती दोस्तो !!
वो भी जिन्दा है,मैं भी जिन्दा हूँ… क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है💔💔
कितनी झूठी है ना मोहब्बत की कसमे, देखो ना ! तुम भी जिन्दा हो, मै भी जिन्दा हुँ😢😢
ऐ दिल थोड़ी सी हिम्मत कर ना यार, दोनों मिल कर उसे भूल जाते है😢😢
"उतर जाते है कुछ लोग दिल में इस कदर इन्हे दिल से निकालो तो जान निकल जाती है..."💔💔
"न कर मोहब्बत ये तेरे बस की बात नहीं, वो दिल मोहब्बत करते हैं जो तेरे पास नहीं!"😢😢
कुछ सोचना चाहिए था उसे, हर सितम से पहले,मै सिर्फ दीवाना नहीं था, इन्सान भी था...😢😢
बात करने से ही बात बनती है..बात ना करने से, बातें बन जाती है ..!💔💔
आज़ाद कर दिया हे हमने भी उस पंछी को …,जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहीन समजता था ..।😢😢
जानते हो महोब्बत किसे कहते हैं ? किसी को सोचना, फिर मुस्कुराना और फिर आसू बहाते हुए सो जाना.😢😢
जान लेने पे तुले हे दोनो मेरी..इश्क हार नही मानता..दिल बात नही मानता।💔💔
मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।💔💔
न जाने कैसे आग लग गई बहते हुये पानी में..हमने तो बस कुछ ख़त बहाये थे, “उसके नाम के“…💔💔
कुछ रिशते ऐसे होते हैं..जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।
“हमने सिर्फ अपने आंसूऒ की वजह लिखी है, पता नहीं लोग क्यों कहते है, वाह क्या शायरी लिखी है ।”
“फासलों का एहसास तो तब हुआ, जब मैनें कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान भी लिया !”
*वक्त भी कैसी पहेली दे गया,*
*उलझने सौ, जिन्दगी अकेली दे गया।*
तेरे नाम से मोहब्बत की है,
तेरे एहसास से मोहब्बत की है,
तुम मेरे पास नही फिर भी,
तुम्हारी याद से मोहब्बत की है,
कभी तुमने भी मुझे याद किया होगा,
मैंने उन लम्हात से मोहब्बत की है,
तुमसे मिलना तो एक ख़्याव सा लगता है,
मैन तुम्हारे इंतजार से
मोहब्बत की है।
❣️
तुझको पाने की तमन्ना में गुजारी होती,एक जान और भी होती तो तुम्हारी होती..
*"नाराज़गी" भी एक खूबसूरत रिश्ता है।*
*जिससे होती है..*
*वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है।*....
काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!!
ये बेसब्री कैसी ?
तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!
"साकी देख जमाने ने क्या तोहमत लगाया है...
आँखे तेरी नशीली और शराबी हमे बताया है।"
तुम प्यार की बाते ना किया करो
हम अभी मासूम है दिल देगे तुम्हे ये तो सोचो ही मत
क्योंकी दिल चकनाचुर है
अपने शहर में ऐसे बेगाने हम न थे
थे लोग बहुत जाने पहचाने कम न थे
वो बाजरे इश्क़ में मुझमें तोहमतें लगाती हैं
मुझे रुलाने के लिए किसी और को अब वो
अपनी जान बताती हैं
हर इबादत मुझसे खफा है,
क्या मोहब्बत की ये सज़ा है?
गैरो से हो कर हमबिस्तर मेरा दिल तोड़ दिया,
और कहती हो मेहबूब बेवफा है।
मोहब्बत जब टूट जाता है
दिल में बहुत दर्द होता है
इस दर्द का मरहम दिल तोड़ने
वाले के पास ही होता है
हुआ था बदनाम जिसके नाम से महैफिल
में नाम था तो वो प्यारा
मै तो उससे सच्ची मोहब्बत करता था
मगर वो होना सका हमारा
छोटे से गांव से हूं तो यूं दाग ना लगा
मैं जानता हूं तेरी फितरत यूं मुझे अपनी
शहर वाली औकात न दिखा
जो गुलाब लगाया था उसके नाम का अब मेरे आंगन में खिलता है
और जो कभी जान हुआ करती थी
अब वो रकीब से जाकर मिलता है
उस बेवफा😏 से हम वफा की आस लगाए बैठे है
बेवजह हम अपनी आंखे उनके लिए भिगाए बैठे है😭
वो कहते हैं तुम मुझे कभी याद ही नहीं करते,
जो दिल में बसते हैं वो कभी भुलाए नहीं जाते.!
लिखा तो था खत क्या खत लिखने में ही कुछ खता हो गई।
मेरी मोहब्बत तो मेरा खत पढ़कर ही मुझसे खफा हो गई।।
जिसकी कसम से पीना छोड़ा था
अब उसी की याद में पीते है
लोग तो बहोत आते हैं हमारे पास
मगर हम अकेले जीते हैं
हो सके तो मुझसे दूर रहना
टूटा हुआ हूं
कहीं चुभ ना जाऊं
चलो एक नई शुरुवात करते है
लफ़्ज़ों की बारिश सरेआम करते हैं
हम तो बदनाम हो चुके हैं भरी महफिल में
अब उसे भी मशहूर सरेआम करते हैं
खो दिया आप को तो हम पूछते फिरते हैं,
..
जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है..!!
हम तो अपना दिल हल्का करने के लिए लिखते है
वरना जिस पर आँसुओं का असर ना हुआ
उस पर अल्फाज़ क्या असर करेंगे 😢😢...
अगर समझ जाती मोहब्बत को मेरे तो इतना मलाल ना होता
और तू हो जाती किसी और की यह सवाल ही ना होता
मै उनसे बाते तो करता नही,
पर उनकी बाते लाजवाब करता हूँ।😍
पेशे से शायर हू यारो,, 😉
अल्फाजो से दिल का ईलाज करता हूँ।। 😎
हमपे आपकी मोहब्बत का कर्ज़ नही होगा,
आपको यादों मे रखना अब फ़र्ज़ नही होगा,
पागल बनाके दिल तोड दिया
और कहेति हो अब दर्द नहीं होगा
कहते थे कि
मैं लड़की हूं यूपी की कुछ तो खास करूंगी
और लड़ाई झगड़े में क्या रखा है
सीधे तेरे दिल पर वार करूंगी
जिंदगी तो बेवफ़ा है, एक दिन ठुकराएगी,
मौत महबूबा है, साथ लेकर जायेगी...🤕
आता हूं तेरे मोहल्ले में मगर अब तेरी गली में आना छोड़ दिया
धड़कने लगा था दिल दोबारा मेरा
मगर तूने बेवफा इसे फिर से तोड़ दिया
वो लड़ने वाला नहीं फिर भी लड़ना चाहता है
मगर वो लड़ने का बहाना चाहता है
और गैरों से कहेता की मेरे सामने उसकी कोई औकात नहीं
मै कहता हूं तू मुझे कहा आजमाना चाहता है
हम क्या जिंदगी रखेगे अपनी सम्भल कर
क्योंकी जी रहे हैं जख्मों में तेजाब डाल कर
और उसने तो ऐतवार नहीं किया है
हमने तो रखा था उसके लिए कलेजा निकाल कर
रंजे गम से नाता मेरा जोड़ दिया
उस जालिम ने मेरा नाजुक सा दिल टोंड दिया
देखो तो उसके कहर के नजाकत को
मेरे ख्वाब में आकर भी मुझसे मुंह मोड़ लिया
⛱ये खामोशियाँ अक्सर नाजायज़ होती है...💖
⛱जब यादों की वजह एक बेवफा से दिल्लगी होती है...💖
⛱हो जवां तो जवानी का कुछ अहसास लाया करो...💖
⛱गहना है अदब तुम्हारा, तारीफों पर कुछ शरमाया करो...?
एक बार इश्क जरूर करना चाहिए
ये जानने के लिए की इश्क क्यों नहीं करना चाहिए
हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं!!
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे!!!
अधूरे से रहते मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक्र के बिना..
मानो जैसे मेरी हर शायरी की रूह तुम ही हो..!
जिन्हें प्रेम मिला , उन्होंने प्रेम में कविताएँ लिखीं..
और जिन्हें नहीं मिला , उन्होंने कविताओं में प्रेम लिखा.
सबके पास bf/gf है!
और हमारे पास ये चैनल है!
जहाँ सबके bf/gf है।
भीगी नहीं थी मेरी पलके
इन्हें तो बस वक्त ने रुलाया है
और जिस शराब से तुम नफरत
करती थी मेरी जान
मुझे तो उसी ने बचाया है
🌀🌀बहुत मग़रूर है तुम्हारी नाक की नथनी जो हर पल मुझे सताती हैं‼
वो पिला कर जाम!!
लबों से अपनी मोहब्बत का.
अब कहते हैं ..
नशे की आदत अच्छी नहीं होती...!!
प्रीत की रीत को ना समझे वो प्रीत निभाना क्या जाने
जिस दिल ने चोट न खायी हो वो नीर बहाना क्या जाने
😢
अग़र कभी नींद आ जाये तो सो भी लिया करो,!!
रातों को जागने से बिछड़े लौटा नहीं करते,!!
✨
बड़ा मगरूर दिल था
जो उस बेवफा के लिए तड़पने लगा था
निकाला इस दिल को अपने सीने से
तो सारा बिखरा पड़ा था
मोहब्बत का ये कौन सा अंदाज है जरा ...हमको भी
समझा दे,.....!!
मरने से भी रोकते हो ...और जीने
भी तो नहीं देते....!! :(
😒
हम अपने मन के मालिक हैं हमे अवसाद लिखना है
के हमको ज़हर पीना है और उसका स्वाद लिखना है......
वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं,
कहाँ से लाएं लफ्ज जब हमको मिलते नहीं....
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद,
वो जख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं.....
तेरे आशिकी को अपनी कलम से बयां ना कर दे तो कहना.....
हम तुझे अपनी कलम की आदत ना लगा दे तो कहेना...
दिल तो बहुत के टूटे मिलेंगे इस महफिल में...
अपना दर्द बयां करके तेरा दर्द ना भुला दे तो कहना....
कुहुक-कुहुक कर कोयल ने पहुंचाया सबको ये पैगाम
फिर आया है मीठा मौसम, जश्न से होगा कत्ल-ए-आम
तेरे इश्क की जंग में,
हम मुस्कुराके डट गए,
तलवार से तो बच गए,
तेरी मुस्कान से कट गए।
कहते हैं की हर चीज़ की इन्तहा होती है...
फिर ये मोहब्बते क्यूँ किसी से बेइंतेहा होती है
दोस्ती किसी की रियासत नहीं होती
और मौत किसी की अमानत नही होती
हमारी अदालत मैं कदम जरा सोचकर रखना यारो
यहां दोस्ती तोड़ने वालों की जमानत नहीं होती
मुझसे मुँह न लगाना
मैं एक बेवफा का जूठा हूं
मोहब्बत में बुरी नीयत से कुछ सोचा नहीं जाता..
कहा जाता है उसको बेवफा, जो हमें समझ नहीं पाता
माँ को कैसे बाँधोगे शब्दो की डोर में...
माँ तो माँ होती है, रहो हमेशा
अपने मां के आंचल के छोर में
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
ऐस तुम बहुत कर लिया है चलो अब कुछ काम करते हैं
ऐस तो बहुत कर लिया है चलो कुछ काम करते हैं
और जिन्होंने पैदा किया है ऊंचा उनका नाम करते हैं
न जाने कैसे हम साज़िशों के शिकार हो गए,
और करते रहे उनसे हम वफा फिर भी गद्दार हो गए ,,।
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं !
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं !
गुनाह हो यह ज़माने की नज़र में तो क्या !
ज़माने वाले कोई खुदा तो नहीं !
कहत कबीर सुनो भाई प्यारे
येसा कलयुग आयेगा
लड़कियां देगी धोखा और लड़का पागल बन जाएगा
मैं कौन हूं ये तुम मुझे बताओगे,
मतलब तुम अब बादलो को बरसात शिकाओगे....
घूट घूट के जीता रहे,
फरियाद ना करे,
कहां से लाऊं वो दिल...🖤
जो तुझे याद ना करे...!!
मोहब्बत में फ़र्ज़ उसने कुछ इस तरह निभाया है
खुद को वफा दर और हमे गद्दार बताया है
मेरे ना हो सको तो कुछ ऐसा कर दो,
मैं जैसा था, मुझे फिर वैसा कर दो।😒
वादा तो नहीं कर सकता ...
मिलने का...!
मौत का मौसम जो चल रहा है 💔
Khush he tu hume yaad na karke.
Has rahi he tu humse baat na karke.
Ye hasi tere hoto se kabhi na jaye.
Khuda kare tu meri maut pe bi muskuraye.
मैं तो इतना मासूम हूं
लड़की खुद कहती है🤭
कब से देख रही हूं
❤छेड़ता क्यों नहीं है बे....
😜😂
हजारों बूंद चाहिए एक समुद्र बनाने के लिए
हजारों दीपक चाहिए घर में रोशनी फैलाने के लिए।
पर मां एक ही काफी है हम जैसे नालायको को सम्हालने के लिए
भूल जाने के काबिल नहीं है तेरा चेहरा
मगर भूलने की कोशिश कर रहा हूं
और जिस जगह छोड़कर गई थी तू
आज वही दफनाया जा रहा हूं
हर किसी को देखकर झुकने को तैयार नही..
मै अंकित हू तेरे बाप का चौकीदार नहीं
मैं बुरा हूँ , मैं मानता हूँ
लेकिन मैडम मै तेरी औकात जानता हूँ.
हादसे हो रहे हैं, होने दो...
मैं थक गया हूं, मुझे सोने दो!!...
एक कतरा इश्क पाने की आश में
पूरी दुनिया भुलाए बैठे हैं
जिसने कभी पूछा भी नही दिल-ए-हाल मेरा,
उन्हें हम आज भी अपना बनाए बैठे है
मत सिखाओ मुझे लिखना
यहां कोई मोहब्बत का राही नहीं है
और जो कलम है उसके पास ये खून है मेरा स्याही नहीं है
पनाहों में जो आया हो ,तो उस पर वार क्या करना..??
जो दिल हारा हुआ हो, फिर उस पर अधिकार क्या करना..??
मोहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में है.....जो हो मालूम गहराई ,तो दरिया पार क्या करना...
डॉ. कुमार विश्वास...
हम तो उनको भी दुआ देते हैं,,,
जिनको हमारे नाम से भी नफरत है ! 😊
उसे भी एक दफ़ा इश्क़ होना चाइये ,जिसे दिल के बदले खिलौना चाइये,मुझसे बिछडकर भी मुस्कुराते है वो ........
जिससे मुझसे लिपटकर रोना चाइये...
हम कहाँ चाहते थे तुमको ख़ामख़ा बदनाम करना...❤
वो तो लोग इश्क़ इश्क़ चिल्ला रहे थे और हम तुम्हारा नाम ले बैठे.....💞💑
याद है मुझे वो चार पल की मोहब्बत..
किसी ने हम पर भी एहसान किया था..
इश्क़ में नशे में मैं चूर होता जा रहा हूँ
मैं तुम्हे लिखते लिखते मशहूर होता जा रहा हूँ
ना रखना उम्मीद -ए -वफ़ा इन तितलियों से,
एक ही फूल पर बैठे रहना इनकी फ़ितरत में नहीं...
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं !
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं !
गुनाह हो यह ज़माने की नज़र में तो क्या !
ज़माने वाले कोई खुदा तो नहीं !
कितना गहरा है इश्क़ का सागर,
आज पता कर के ही रहेंगे,
तुम कितना भी कर लो ग़ैरों जैसे बात हमसे,
हम तो फिर भी तुम्हे अपना ही कहेंगे...!!
कहीं भी नहीं लिखा कि,
इश्क जवानी में ही होता है
लेकिन यह जब भी होता है
इंसान जवां जरूर हो जाता है
तेरे बाद हमने दिल का दरवाजा खोला ही नही........
वरना बहुत से चाँद आए इस घर को सजाने के लिए........
Q नहीं दिखाई देता उन्हें hmara दर्द
जो कहते थे
बहुत अच्छे से जानते है tumhe
😞😔😔😔😔
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत....
शरमाई नजर और, वो बयां हो गये
लफ्ज़ भी क्या बोलते, बेचारे बेजुबां हो गये
❣बड़ी हसरत थी कि तुम टूट कर चाहते
पर हम खुद ही टूट गए तुम्हे चाहते चाहते ❣
रब ने माँ को यह आज़मत कमाल दी,
उसकी दुआ पर हर मुसीबत भी टाल दी…
माँ के प्यार की कुछ इस तरह मिसाल दी,
कि जन्नत उठाकर माँ के क़दमों में डाल दी!
Meri sari galtiyo ko wo maf karti hai..!
Bahut gussa me hokar bhi pyar deti hai…!
Uske hontho pe hmesa dua hoti hai..!
Aisa karne walisirf, aur sirf, hmari maa hoti hai…!!
*भरोसा प्यार दोनो किया था उनसे...*
*इसमे कोई खता तो नहीं...*
*वो मेरे कुछ अपने ही थे *
*जो आग लगाकर देखने आए...*
*कुछ बचा तो नहीं.*
😢😢
उसको छोड़ तो आया हूँ,
खुद को वापस लाना बाक़ी है
फोटो तो डिलीट कर दी है सारी
लेकिन अभी नंबर उड़ाना बाकी है
मेरे इश्क़ की एक छोटी सी दस्ता है
सनाऊ तो सुनाऊ कैसे
और जो टूटा हुआ दिल धड़क रहा है
मेरे सीने के अंदर उसे अब दिखाऊ तो
डिखाऊ कैसे
उस जैसा मोती पूरे समंद्र में नही है...
वो चीज़ माँग रहा हूँ जो मुक़्दर मे नही है...
किस्मत का लिखा तो मिल जाएगा मेरे ख़ुदा...
वो चीज़ अदा कर जो किस्मत में नही है
बुरी आदत है कहाँ जाती है,
याद उसकी अभी भी आती है...
वो दिल हमारा...
तार - तार करते है... 💔
हम भी रफ़ू दिल, बार-बार करते है... 💕
हाले दिल सुनाकर लोगों से क्या मिलेगा....
जख्म और गहरे होंगे दर्द नया मिलेगा....
इश्क़ और कोरोना,
दोनों एक ही चीज है साहेब..!!
जब तक खुद को ना हो जाये,
मज़ाक ही लगता है....!!!!
क्या कहा मोहब्बत जिन्दगी है ये झूठी
अफवाह किसने फैला रक्खा हैं
और
ये जितने उदास चेहरे देख रहे हो तुम
इन सब ने मोहब्बत को आजमा रक्खा है
ज्यादा चपड़ चपड़ की तो पूरी दुनिया को बता दूंगा
और औकात की बात तो कर ही मत
वरना मैं तुझे तेरी औकात दिखा दूंगा
काफी दिनों से
कोई नया जख्म नहीं मिला
पता तो करो..
"अपने" हैं कहां ?🙄
इंतज़ार करो यारो दुनिया का,
सारा खेल समझ आयेगा..
ये वक़्त भी इंसान सा है,
थोड़े ही दिनों मे बदल जायेगा।
देखा पलट के उसने कि हसरत उसे भी थी ,
हम जिस पर मर मिट थे .. मोहब्बत उसे किसी और से थी ,
बचा ही क्या है समझने समझाने को,तुमने बोल ही दिया है छोड़ कर जाने को,
खैर मुझे ये सबक तो अच्छा मिला... पत्थर ही पड़ने है हर दीवाने को।।।
लिखूं कितना तेरी याद में
लगता है अब दम नहीं मेरी फरियाद में
दिल भी मेरा मुझसे छीन कर ले गई
लगता है सकून में नहीं है वो मुझे रुलाने के बाद में
हमें क्या पता था, मौसम ऐसे रो पड़ेगा;
हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई थी।
उसकी मोहब्बत का सिलसिला
भी क्या अजीब सिलसिला था;
सुनते ही मेरी मोहब्बत की दस्ता
आसमां भी रो पड़ा था
हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही.
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया,
मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया,
हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे, मगर तुझे सोता हुआ किसी और के बाहों में पाया
कुछ लोग मुझसे लड़ने अ रहे हैं
कोई बंदूक तो कोई तलवार ला रहा हैं
अब कोई उन्हें जा कर बताए
उनका बाप मर्द है अकेला ही आ रहा है
मत इंतज़ार कराओ हमे इतना,
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये,
क्या पता कल तुम लौटकर आओ,
और हम खामोश हो जाएँ.
💔
नादां हैं वो जो कहते हैं कि
मुहब्बत बर्बाद करती है..
शिद्दत से निभाने वालों को
दुनिया सदियों याद करती है.!"
दुपट्टा क्या रख लिया उसने सर पर
वो दुल्हन नजर आने लगी
उसकी तो अदा हो गई और
जान हमारी जाने लगी...
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें; आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे; हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि; ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।
बिगड़ा में कहा बिगड़ा तो ये सारा
जमना था ये तो मुझे यू ही बदनाम कर रहे हैं
क्योंकी में उसका आशिक पुराना था
लोगो का क्या है उन्हें तो मै हस्ता हुआ दिख जाता हूं
उन्हें कोन बताए कितना दर्द है मेरे इस दिल में
जो रातों मै तकिया भिगाता हूं
मै मोहब्ब्त उसके जिस्म से नहीं रूह से करता था
बस ये ही खता थी मै उसपे दिलो जान से मरता था
ख़ुशी के माहौल में
मौत का फ़रमान आ रहा है
जो कहते थे गाँव मे क्या रखा है
आज उन्हें भी गाँव याद आ रहा है..!
कैसे खुश रहते हैं ये तू आज बता दे,
या तो झूठ बोलना सिखा दे..
या फ़िर वो राज़ बता दे ...!!
सुनो..नज़रे ज़रा झुका कर रखा करो..
हम नशेरी लोग हैं,कही तेरी आँखों का जाम न पी ले..!!
पत्थर तो बहुत मारे थे लोगो ने मुझे,
लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी
अपने ने मारा था !!
शरीफ तो मुझे उसकी मोहब्बत ने बनाया था,
यकीन मानो इस कलयुग का रावण था मैं
जो बिना जान के भी जिन्दा रहते है...
उन्हे जादूगर नही आशिक कहते है . . !!!
सुनो मैं फिर से कह रहा हूँ कि...
कल दीप ही जलाना है किसी का दिल नही ।
*😔उसकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत समझ बैठे,* 😔
*😔वो प्यार से बात करते थे, हम प्यार ही समझ बैठे !!* 😔
आपसे लिपट कर रो लेते,
मगर क्या करे
कमबख्त इस कोरोना ने हमसे
ये हक भी छीन लिया..
कल नाम था तेरा...किसी औऱ की जुबा पर... बात तो ज़रा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया...!!
सारा पानी होटों से छूकर गुलाबी कर गई
वो नदी की मछलियों तक को शराबी कर गई .
चाहते थे बेशुमार पर मिलने का वादा ना था
प्यार तो उसे भी था पर हमसे ज्यादा ना था.
दीए जलाकर रोशन जहां कर लिया हमने..
ये मुल्क हमारा है ये पता कर लिया हमने....
जय हिंद...🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
उसे अपनी मोहब्बत जताने के लिए
हमने न जाने कितने शेर लिख दिए जमाने के लिए
धीरे धीरे वो हमे अपनी जिंदगी से हटा रहे हैं
बता कर मजबूरियां हमे इश्क़ अब वो रकीब के साथ निभा रहे हैं
उसके इश्क़ को कुछ इस तरह
निभाते हैं हम,,,
वो नहीं है तक़दीर में फिर भी
उसे बेपनाह चाहते हैं हम,,
जिंदगी भर साथ हमारा दोगे क्या
मेरे हाँथो में अपना हाँथ दोगे क्या
दे कर इस पत्थर को दिल जो कभी मोहब्बत की बाते करते थे
और वही लोग बेवफ़ा हो गए जो कभी वफा की बाते किया करते थे
_*तज़ुर्बा बता रहा हूँ दोस्त, दर्द, ग़म, डर जो भी है बस तेरे अंदर है !*_
_*खुद के बनाए पिंजरे से निकल के देख, तू भी एक सिकंदर है.....*_
अब महोब्बत करना छोड़ दिया मैने
टाईम पास सभी करते है
दिल बहुत दुखता है
जब कोई साथ छोड़ देते है
मुहब्बत की कोई क़ीमत नहीं इस दौर में लेकिन...
बहुत से लोग अब भी उम्र तनहा काट देते हैं ...
बहुत से किसी को इश्क का रोग लगा कर अपना घर बसा लेते है...
कहते है वक़्त से पहले और किस्मत के बिना कुछ नहीं मिलता
अफसोस
उनके पास वक़्त नहीं और हमारी किस्मत
डर लगता है उसके तस्वीर की तारीफ करने में
कहीं वो अपना दीवाना ना कह दे इस जमाने में
नाम मेरा कभी वो अपने हाथो में लिखवाती थी
सारे आम महेफिलो में मुझे अपनी जान बताती थी
महसूस करोगे, तो कोरे कागज़ पर भी नज़र आयेंगे,
हम तो वो अल्फ़ाज़ है, तेरे हर लफ्ज़ में ढल जायेंगे
मेरे घर आई बीमारियां रोज रोज..
..
एक आप हो यार जो देखने तक ना आए..
..
अब तो बहुत रोना आ रहा क्योंकि मुझे कोरोना हो गया🥺🥺
बहुत दूर जा चुके हैं वो बस पैरो के निशान छोडें हैं,
..
मोहब्बत तो छुप के की थी उन्होंने लेकिन सीनें में जख्म सरे-आम छोडें हैं।
💔😒
मुझे छोड़ कर क्यों जाओगी
मेरे इस मासूम से दिल को तोड कर क्या पाओगी
चलो जा रही हो तो ये ही बता दी
मेरे बाद अब झूठी कसमें किसकी खाओगी
ख़्याल उन्हीं के आते है जिनसे दिल का रिश्ता होता है
हर शख्स अपना हो जाए ऐसा सवाल ही नहीं पैदा होता है
महसूस करोगे, तो कोरे कागज़ पर भी नज़र आयेंगे,
हम तो वो अल्फ़ाज़ है, तेरे हर लफ्ज़ में ढल जायेंगे
तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ तो हुआ ज़रूर है
ये आईने की भूल है या मेरी निगाहों का कसूर है
अब रिहा न कीजिए अपने ख्यालो की केद से हमे,
के लोग आपसे भी ज्यादा बेरहम हो गये हैं अब..!!
घोलकर जहर खुद ही हवाओं में,
हर शख़्स मुँह छुपाए घूम रहा है
इन फिजाओं में,।।
उसकी मोहब्बत तो मुकद्दर है मिले न मिले..,
उसकी यादों से हो जाती है तसल्ली दिल को..!!
दिल की तमन्ना इतनी है
कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
मैं जहाँ जिस हाल में रहुँ
बस तू मेरे करीब हो।
तेरे इश्क़ में इतना बर्दाद हुआ कि अतंकवादी लग रहा हूं
और दिल देकर तुझे अब मै अपने आप से ही लड़ रहा हूं
क्या रखा है इस इश्क़ में ये बड़ा तड़पता है
लड़का हो या लड़की बस एक बार इसे आजमाना चाहता है
वो काहेती थी कि में तुझे चोड कर कभी नहीं जाऊ गि
और अब कहती क्या रखा है इस प्यार मै
अब मै तेरी हो पाओगी नहीं
उसके नाक की नथनी ने मुझे कुछ इस तरह घायल कर दिया
पहले तो सिर्फ दीवाना बनाया बाद में पागल भी कर दिया
हर ख़ुशी के पहलू हाथों से छूट गए,
अब तो खुद के साये भी हमसे रूठ गए,
हालात हैं अब ऐसे ज़िंदगी में हमारी,
प्यार की राहों में हम खुद ही टूट गए।
ये ज़मीन की फितरत है के हर चीज़ को सोख लेती है,
वरना तेरी याद में गिरने वाले आंसुओं का एक अलग समंदर होता
लबो पर जब किसी के दर्द का अफ़साना आता है,
हमें रह-रह कर अपना दिल-ए-दीवाना आता है।
ज़िन्दगी हैं नादान इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कह दू ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ
मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता
चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं!!
नहीं बदलता ज़माना तो हम बदलते हैं!!
शीशे में डूब कर, पीते रहे उस “जाम” को,
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला ना पाए एक “नाम” को।
दो ही गबाह थे मेरी मोहब्बत के....
वक्त औऱ वो
एक गुजर गया दूसरा मुकर गया ...!!
किन अल्फाज़ो में कहूँ कि मुझे तुम्हारी आदत हो गई है.
ये खूबसूरत मोहब्बत तेरी अब मेरी इबादत हो गई है..!
प्यार जो करता है ....
उसका दिल भी अजीब होता है !!
यार जैसा भी हो....
खुदा से भी अजीज होता है .... !!
तुम्हारे बिन कुछ यूँ जिया,
तन्हाईयों से दिल लगा लिया।
न टूटे दिल फिर कभी दुबारा,
इसलिए इसे बना लिया आवारा।।
❤️❤️
जो कभी आँखे चुमती थी मेरी मुझे
सुलाने के लिये,
.
.
आज वो गैरों से मिल रहे है
मुझे रूलाने के लिये.!!!!!
हम तो बिछड़े थे तुमको अपना एहसास दिलाने के लिए
मगर तुमने तो मेरे बिना ही जीना सीख लिया
नारजगी होती तो मना लेते मैडम पर तूने तो ठिकाना ही दुरसा ढूंढ राख्या था
सुबह की ख़्वाहिशें शाम तक टाली हैं,
कुछ इस तरह हमने ज़िंदगी सम्भाली है
केवल उन्हीं के साथ मत रहिये, जो आपको खुश रखते हैं
थोड़ा समय उनके साथ भी रहिये,जो आपको देखकर खुश होते हैं
मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है, चार घर की दूरी औऱ, बीच मे सारा जमाना है.....
गायब ऐसे हो जाते है जैसे हम कोई कोरोना है
कोंरोना से डरते नही और हमसे डर के सब छुप जाते है
तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनाहगार हो गये।
मै तो फना हो गया उसकी एक झलक देखकर
ना जाने हर रोज़ आईने पर क्या गुजरती होगी........
बिछड़कर क्या लौटेंगे वो
..
साथ होकर भी हमारे साथ नहीं थे जो
🙃🙃
बहोत कठोर सजा मिली अपनी मासुमियत की,
..
जिंदा तो है पर किसी लाश की तरह..!!
😞🙃🙃
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।
ना ज़ख्म भरे,
ना शराब सहारा हुई..!!
ना वो वापस लौटीं,
ना मोहब्बत दोबारा हुई..!
नज़रें बहुत तेज है ना तुम्हारी...
फिर क्यूँ ....
मोहब्बत नहीं देख पाए हमारी
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे
तुम आने से रहे और हम अब बुलाने से रहे..😌
तबाह हो कर भी तबाही दिखती नहीं
ये इशक है जनाब इसकी दवा
कही बिकती नहीं
प्यार तो चला गया,
सोचा दोस्त तो साथ निभाएंगे...
कम्बखत कहाँ पता था,
समय का बहाना बना वो भी साथ छोड़ जायेंगे...
🥺🥺🥺💔
काश एक दिन ऐसा भी आए,
वक़्त का पल पल थम जाए,
सामने बस तुम ही रहो,
और उमर गुज़र जाए।
शायरी हमारा शौक नहीं है ज़नाब...
ये तो मोहब्बत में मिली सजाएं हैं.....
हर किसी को देखकर.... उसपर आने को तैयार नही...
ये मेरा दिल है.
कोई कपड़ों की दुकान नहीं
वो ढूंढ रही है सच्ची मोहब्बत मेरी ख़ाक में।
देखो वो फिर आई है दिल ले कर दिल तोड़ने की फिराक में
नफरत करती हो तो साफ-साफ कह दो,
यूं रकीब के साथ हमबिस्तर कर मेरा दिल क्यों जलाती हो
अगर तू शोर है तो मेरी खमोशी तोड़ के दिखा,
अगर तू इश्क़ है तो मेरी रूह मे उतर कर दिखा। ?
❤️❤️
तमन्ना लुट गई मुझे फिर भी तुमसे मोहब्बत है
मुबारक हो तुम्हें रकीब की खुशियां
मुझे तो तेरी नफ़रत से मोहब्बत है
कितना भी कोशिश कर लो उसे अब भुला ना पाओगे
आज भरी महफिल में किस को अपना दर्द हाल सुनाओ
यहां जो लोग बैठे हैं ये सब इश्क के मरीज हैं
इनके हाल-ए-दिल सुनते ही तुम अपने ही आंसुओं के समुंदर में डूब जाओगे
मुझे दुख इस बात का नहीं की बेवफा मेरा प्यार निकला
दिल में तो दर्द इस बात का है कि उसका रकीब मेरा ही यार निकला
तेरी गली से गुजर जाऊंगा तुझे सोचुगा नहीं
तू दरवाजे पर खड़ी रह जाएगी अपने
मगर पलट कर तुझे देखूंगा नहीं
जख्म इतने मिले कि सिले तक नहीं
दीप ऐसे बुझे है फिर जले तक नहीं
अब व्यर्थ में रोने से क्या फायदा
सोच लूंगा कि हम और तुम कभी मिले तक नहीं
शिकायतों कि भी अपनी इज्ज़त हैं
ये हर किसी से नहीं कि जाती !!
कभी खामोशियो को भी पढ़ने का हुनर सिख ले पगली
सब कुछ यूं अल्फाज़ो में बयान नही होता है मुझसे....
दर्द को दर्द है दर्द कहने लगा
दर्द की आंख से दर्द बहने लगा,,,
दर्द ने जब दिया दर्द को दर्द है
तब से बेदर्द भी , दर्द सहने लगा ।।
सब तरह की दीवानगी से वाकिफ हुए हम,
..
पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था..!!
स्नेह में ताकत है 'समर्थ' को झुकाने की
वरना उस बेवफा में कहा ताक़त थी हमे रुलाने की
💔💔 💔💔
बेशक आपकी यादें मुझे आज भी अकेला नहीं छोड़ती..
..
काश आपसे इतनी मोहब्बत ना की होती..!!
💔💔 💔💔
हम वैसे भी कहां मिला करते थे यार ,
..
खैर अभी तो लाॅकडाउन चल रहा है..!!
इश्क़ तो उसे किसी और से था लेकिन . .
मेरा शिद्दत से चाहना उसे बहुत पसंद नहीं था
दर्द तो अपने देते है
पराए तो धक्का लगने पर भी सोरी बोल देते हैं
“कितना बुरा लगता है, जब बादल हो और बारिश ना हो, जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो, जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो।”
“मिल जाएँगे ‘हमारी’ भी “तारीफ़” करने वाले,
कोई हमारी ‘मौत’ की “अफ़वाह” तो फैलाओ यारो!”
#हर 😊😊 पल #मोहब्बत 💕💕 करने का #वादा 🤗🤗 है आपसे, हर #पल 💑 साथ निभाने 💝💝 का #वादा 💖💖 है आपसे, कभी ये 😏😏 मत समझ न #हम 🥰🥰 आपको भूल 🤗🤗 जायेंगे, #जिंदगी भर 🙂🙂 साथ 💑 चलने का #वादा है 💞💞 आपसे।🧡💛💚
अगर मोहब्बत जिस्म से ही होती,
तो तुमसे ही क्यों, हज़ारों से होती।
मोहब्बत तो रूह से थी इसलिए अब किसी और से नहीं होती
ब्रेकअप तो बस एक बहाना है,
उसे तो हम जैसों का दिल दुखाना है
नफरत करती हो तो साफ-साफ कह दो,
यूं गैरों से दिल लगा कर मेरा दिल क्यों जलाती हो।
कुछ मिला, कुछ मिलते मिलते छूट गया,
शायद सपना था, आंख खुलते ही टूट गया...!
😒😢
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।😔
Kha kar shikast kosish har bar karege
Dusman bhi sajise hajar kare ge
Tum hath mat badao Kewal dua karo
Ye aag ka dariya ham khud hi ham par karege
तुम साथ हो जब मेरे दुनिया को दिखा देंगे मौत को भी जीने के अंदाज सिखा देगे
अपने हुस्न पे इतना न गुमान कर
तू जंग लगा पत्थर है, कोहिनूर नहीं....
तेरे वियोग में अश्क़ बहाऊँ मैं
तू कोई अप्सरा या जन्नत की हूर नहीं...
वजह दो मुझे तुम ....
की जाते जाते मुड़ कर क्यों नहीं देखा ?
मेरी आंखो में देखकर रुकने का डर था,
या मुझसे नज़रे मिलाने के लायक नहीं रहे तुम......
-
*रात भर मसरुफ रहते हैं वो*
*किसी और की बांहो मे*
*एक हम है की*
*मोहब्बत का मातम लिये बैठे हैं* ।.
😔😔😔😔
फरेबी भी हूँ, ज़िद्दी भी हूँ, और पत्थर दिल भी हूँ,
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते।
उम्मीद की हर इंतहा तक . . .
तेरा इंतज़ार करेंगे हम
तू जितना भी नाराज हो जा
फिर भी हम तेरे आने का इंतजार करेगे
तुमने जो दिल को छूना छोड़ दिया
लफ़्ज़ों ने ख़ूबसूरत होना छोड़ दिया.....!!
अब तो रोने पर भी तुम्हे पता नहीं चलेगा क्यों की खामोशी से आंसुओं के घूंट पीना सीख लिया है हमने...
मैंने खुद को तुमसे जोड़ दिया,
बाकी सब तुम पर छोड़ दिया।
तेरी ख़ामोशी एक रोज तुझे खा लेगी
कभी तो किसी से हस कर बात कर लिया कर,
बेवफ़ाई तो सब करते हैं,,
तुम तो समझदार थे,,
कुछ नया करते ..!!
Everyone is broken in themselves..
Give yourself a little time man..
हर शख्स टूटा हुआ है खुद में..
खुद को थोड़ा वक्त दिया करो यार..
तेरी जुल्फों से नज़र मुझसे हटाई न गई,
नम आँखों से पलक मुझसे गिराई न गई
कैसे चलूं तेरे अहसास के बिना
दो कदम भी.....
मेरी जिन्दगी की,
अनमोल हमराह हो तुम...!!!
बढ़ती गयी दिन-ब-दिन
उनकी मनमर्ज़ियाँ.... !!
फिर हुआ यूँ कि
हम फिर से अजनबी हो गए .....!!
चित्रकार तुझे
उस्ताद मानूँगा,
दर्द भी खींच
मेरी तस्वीर के साथ।💔
बुजदिल है वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते,
बहुत हौसला चाहिए बरबाद होने के लिए।
चल अब तू अपना हुनर आज़मा के दिखा,
निकाल दिया तुझे दिल से अब जगह बना के दिखा।
ठहर गए है एक तेरे दर पर आकर
जैसे कोई बेघर हो घर पर आकर !!
"मुस्कुराहटें" तो...कई "खरीदी" थी.....
:
पर "चेहरे" पर...कोई "जंची" ही नहीं.......💔
*र्दद लेकर भी उफ़् न करना दस्तूर है,*
*चल ऐ इश्क तेरी ये शर्त भी हमें मंज़ूर है....!*
💞🥀🦅
दुश्मनी में दोस्ती का थोड़ा सा सिलसिला रहने दिया
उसके सारे ख़त जलाए बस पता बाकी रहने दिया
तू मुझे भूलने की लाख कोशिश करले मै भूलने नहीं दुगा
तू मुझे बदनाम करे अपने शाहर में उससे पहले मै तुझे मशहूर भी कर दुगा
तालुकात बढाने है तो कुछ आदतें बुरी भी सीख ले ‘आवारा’,,,,,ऐब ना हो तो लोग महफ़िलों मै नही बुलाते
शायर अक्सर वहीं बनते हैं मेरे दोस्त जो कभी पहले किसी के आशिक़ हुआ करते थे 💔💔💔🔥
ना कर इतना प्यार इस बेवफा जिन्दगी से ऐ मेरे दोस्त...
एक दिन तेरा सौदा ये मौत से कर आएगी...
कभी पढ़कर खुशी होती होगी कभी आँख नम......
हो जाती होगी मेरी शायरी में किसी को अपनी कहानी नज़र आती होगी ....!!
क्या बताऊं मेरा हाल केसा है
एक दिन गुजरता साल जैसा है
तड़पता हू इस तरह यादों में उसकी
अब ये दुनिया भी लगती समसान जैसी है
मोहब्बत करने में कुछ लम्हे लगते हैं
मगर उसे भुलाने में पूरी उम्र बीत जाती है
मेरी मोहब्ब्त का वास्ता है तुझे यू शहरों में बदनाम न कर
और तूने कहां ही कब थी की यू दिलों जान से मुझे प्यार न कर
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जबआया सामने उस शक्स का चेहरा,
सोचा इस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……
जुबान कड़वी है मगर साफ रखता हूॅ।
कौन सब बदल गया था सब का हिसाब रखता हूं
किसी को पा लेना ही मोहब्बत नहीं है
ए जमाने वालो
किसी को ना पाकर भी उसे खुश देखना,
खुशियों के वास्ते खुद को बदनाम कर देना भी, मोहब्बत कहा जाता है।
यह कैसा मोहब्बत करने का तरीका था उनका यह मुझे यूं रुलाया गया
भरी महफिल में मेरी मोहब्बत को तमाशा बनाया गया
और यह कैसा सितम था उनका कि मुझे अपना बना कर फिर ठुकराया गया
आता हूं तेरी गली में तो दर्शन दिया करो बोलो ,या ना बोलो पर एक बार मुस्कुरा दिया करो।
अब कहने को बचा क्या हे
अगर तुम नहीं हो मेरे
तो दुनिया में रखा क्या हे
जब तक तुम्हारी याद हे
तब तक हमारी सांस हे 😊
वो आग लगी नहीं लगाई गई थी जिसमे अंकित का घर जला
वो वार किया था उसने जिसमे तड़पता हुआ दिल मिला
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया तेरे के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे सारी ख़ुशी तेरे नाम कर दी।
मैं वो लड़का हूँ जो प्यार में जन्नत दिखा सकता है और नफरत में औकात भी
MAI WO LADKA HU JO PYARME JANNAT DIKHA SAKTA HAI OR NAFRAT ME AAUKAT BHI ..
किसे मालूम था
इश्क़ इस कदर लाचार करता है
दिल टूट जाता हैं फिर भी प्यार करता है
मेरी मुहहोबत की कसम बड़ी शौक से खाई
उनकी वेवफाई , हमने वफ़ा समझ कर बड़ी सिद्दत से निभाई
दिल की हालत बताई नहीं जाती,
हमसे उनकी चाहत छुपाई नहीं जाती,
बस एक याद बची है उनके जाने के बाद,
वो याद भी दिल से निकाली नहीं जाती।😔
मैं जिस्म का भूखा नहीं मुझे रूह की बस चाह है
मुझे लोग कहते हैं शराबी पर यह एक अफवाह है
उनसे में आज भी तू बेहद और बेशुमार करता हूं
ना जाने किस वक़्त उन्हें मेरी याद आ जाए
इसी लिए मै अपना नंबर नहीं बदलता हू
न मंदिर जाता हूं न मस्जिद जाता हूं
मै इन्सान हूं इन्सान के काम आता हूं
और इंसानियत तो मुझे ढूंढने से नहीं मिलती हिंदू हो या मुसलमान में अब भाई मानता हूं
चलो अब एक बात बताया जाए उसको
मोह्बत कैसे करते हैं सिखाया जाए उसको
और वो जो पागल पागल कहती है मुझे
चलो अब पागलपन दिखता जाए उसको
प्यार किया था तो अब जरूर निभाए गे
अपनी आशिकी का फर्ज चुका ये गे
लोग पूछते है कि किसने दिया है धोखा
तू फ़िक्र ना कर तेरा नाम लेने से पहले ही मर जाए गे
खाए है लाखो जख्म एक और लेगे
तुम जाओ डोली में हम उस अपना
जनाजा कह देगे
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर ही सही पर आए हैं तेरे दर पर
अभी मेरा भी कटा है चलो दो चार जाम हमे भी पीला दो
हिचकियों में वफ़ा ढूंढ रहा था मैं
कमबख्त गुम हो गई दो घूंट शराब मे
खुशियों के माहौल में मौत का फरमान आया, जो कहते थे गाँवो में क्या रखा है उनको आज गाँव याद आया
😔😔
ये भी अच्छा है कि हम किसी को अच्छे नही लगते,
चलो कोई रोयेगा तो नही हमारे मर जाने के बाद..!!
कैसे छोड़ दें तुम्हें मौहब्बत करना,,
किस्मत में ना सही ,,
दिल में तो बस तुम ही तुम हो l
ऐ मौत आ कर हमको खामोश तो कर गयी तू,
मगर सदियों दिलों के अंदर हम गूंजते रहेंगे।
रोज स्टेटस बदलने से जिंदगी नहीं बदलती।।
जिंदगी को बदलने के लिए अपना भी कोई स्टेटस होना चाहिए।।
पीना तो चाहता नहीं हू
मगर मेरे दोस्त पीला देते है
अब शराब गले के अन्दर नहीं जाती
तो तेरी याद दिला देते है
तेरे इश्क़ में कारोना होगया
तू मेरी न हो सकी मगर मै तेरा हो गया।
तेरी यादो का हिसाब हर रोज कर लेता हूँ...
थोडा हँस लेता हूँ थोडा रो लेता हूँ...
तेरे चेहरे में मेरा ही नूर होता
फिर तूँ ना कभी मुझसे दूर होता
अगर तू बेवफाई न करती
तेरे मांग में किसी और के नाम का सिंदूर न होता
खुशियों का क्या है वो तो दो पल की महेमान होती हैं
और उसे गिरगिट के तरह रंग बदलते देख
मुझे मोहब्बत से ही नफ़रत होती है
न किसी के मैसेज की ख़ुशी
न किसी के इग्नोर करने का गम,
बस अब शायरी के सहारे
ज़िन्दगी बिताएँगे हम..!!😒
उतरा था चाँद हमारे आँगन में भी,
पर वो सितारों को गबारा नही था,
हम तो सितारों से भी बगाबत कर लेते,
पर वो चाँद ही हमारा नही था।
न दोस्तों की, न दुश्मनों की रहगुज़र में रहें,
..
ये वक़्त वो है, की हर शख्स अपने घर में ही रहे..!!
#Stayhome 👍👍👍
इश्क़ कोई घाव नहीं जो भर जाएगा
रिवाज है मेरे दोस्त
हीर के बगैर रांझा मर जाएगा।
💔
शहर वाली लड़की सच्चा प्यार मत करना
अगर हो जाए तो इजहार मत करना
यू तो इन्हे दिलो से बहुत आता है
अपनी हस्ती हुई जिन्दगी इन पे कभी बर्बाद मत करना
मेरे घर में आग लगा गई है
अब क्या बताऊं जमाने वाले कि किसने लगाई है
और जिसे मै अपनी जिंदगी मानता था
वो आज मुझे गैरों बाहों में नजर आई है
बदुआ हैं मेरी मोहब्बत की तुझे
की तू हजारों साल जिये
पर जब तक जिए तू मर मर के जिए
भूल के भी न पढना मेरे शेर अपने होठों से
मैं तेज़ाब लिखता हूँ खुद जलने के लिए...
प्यार तो सिर्फ प्यार है , क्या पूरा क्या आधा ~
दोनों की ही चाहत बेमिसाल है , क्या मीरा क्या राधा
वक्त ने फिर साबित कर दिया।
हर बुरे वक्त में अपने ही याद आते है.
जीत लीजिए बेशक दुनिया सारी।
पर अपनों के बिना हम अधूरे ही रह जाते है।
मोहब्बत कर के हमने कोन सा कसूर कर दिया
जो जमाने वालों ने जीना दुस्वार कर दिया
और ये कैसा करोना का कहेर हैं
जो कभी मिलकर हाल पूछ लिया करते थे
अब उन लोगों से भी दूर कर दिया
अब हाल न पूछो इस मासूम से दिल का
इसमें बहुत दर्द छुपा है
दिल के हर टुकड़े मै बस एक ही बेवफा का
चेहरा छपा है
जब वो मुझसे मिला करती थी
दावे इश्क़ के बड़े बड़े किया करती थीं
चार दिन मेरे साथ वो रह न सकी
सात जनम रहने का वादा किया करती थीं
उसने कहां बहुत अकेले रहते हो
मैने कहा अकेले रहना ही मेरे लिए बहुत हैं
बीमारी अमीर ला रहे है लाठी गरीब खा रहे है यही जोश एयरपोर्ट में दिखाते तो आज आम आदमी सड़क में लाठी ना खाते।
अगर नींद आ जाये तो, सो भी लिया करो,
रातों को जागने से, मोहब्बत लौटा नहीं करती।
जख्मी हो गईं नींदे मेरी, ख्वाबों पर ऐसा वार किया..
जिस्म तो सलामत रह गया, मेरी रूह को तूने मार दिया..!! 🥀
जिस गली में कभी अपना इंतेज़ार होता था
आज वहां कोई हमसे नज़रे चुराते फिरते हैं ।
नींद पिछली सदी से जख्मी है
ख़्वाब अगली सदी के देखते है
नींद पिछली सदी से जख्मी है
ख्वाब अगली सदी के देखते
बारिशो से तो प्यास बुझती नही
आइए जहर पी के देखते है
मुझे छोड़ कर क्यों जाओगी
मेरे इस मासूम से दिल को तोड कर क्या पाओगी
चलो जा रही हो तो ये ही बता दी
मेरे बाद अब झूठी कसमें किसकी खाओगी
हो गई मेरी मोहब्बत बदनाम इस जमाने में
पूरी उम्र लग जाएगी अब उसे भूलाने में
जरा सम्भल कर लेना मेरा नाम भरी महफिल में
मुझे वक़्त नहीं लगेगा तुझे भी रुलाने में
लौट के आना जब तुम जिंदगी में थक जाओ,
वादा करते हैं अश्को मैं डूब जाओगी यह देखकर,
कि हम आज भी तुम्हारे आने का इंतजार करते हैं
इश्क़ के बदले इश्क नहीं चाहते थे हम,,
बस ताउम्र उनसे मोहब्बत करने की
इज़ाज़त माँगते थे हम,,
हमें शायर समझ के यूं नजर अंदाज न करिये,
नजर हम फेर ले तो तेरी चाहतों का बाजार गिर जायेगा....!!
वो तो कमाल के निशाने निकले
पहले ही वार में दिल तोड दिया
हमको दिखता नहीं है जो दुश्मन
जिस्म उसका जला दे मौला
तनहा कब से हम बैठे है
अब उनसे मिला भी दे मौला
लिखता हूँ खुद को खत भी तेरे ही नाम से
देता हूँ दिल को तसल्ली तेरे ख्वाब से
कोई चाहे तो सीख ले हमसे
कैसे रोते हैं मुस्कुराते हुए
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम नहीं
जिसके प्यार का ऐलान किया था हमने पूरे शोर से,
टूट गया दिल जब देखा, वो जब मिल रहे थे किसी और से ,
बेपनाह....
मोहब्बत करने की सजा पाए बैठे है....!!
हासिल दर्द हुआ और सबकुछ लुटाये बैठे है....!!!
सीसा हो या दिल टूट ही जाता है
फर्क बस इतना है
दिल संभल जाता और सीसा बिखर जाता है...
इस क़दर पराया न करो
यूँ हमें बेवफ़ा बताया न करो
माना थोड़ी ख़ता हुई हमसे
अब आ भी जाओ यू रुलाया न करो
जिस्म किसी और के पास है मगर
हम उनके रूह से वास्ता रखते है..!!
लड़ाने दो इश्क़ किसी और के साथ
मगर हम तो आज भी उन्हीं से महोबत करते है ।
उसके ना होने से बस इतनी सी कमी रहती है,
..
मै लाख मुस्कुराउ आखो मे नमी सी रहती है..
वो मेरा यार था छोड़ कर मेरा साथ जुदा हो गया,
..
उम्र भर साथ देने की खाई कसम और कसम तोड़ कर बेवफा हो गया..!!
मत रखो अब हम से वफा की उम्मीद
हमे तो मिली ही बस बेवफाई है
निशान अब ढूंढो ही मत मेरे जख्मों का
क्योंकि हर चोट मैने दिल मै ही खाई है
उसे एहसास तो हुआ मुझे रुलाने के बाद
अब उसे प्यार तो आया मुझसे दूर जाने के बाद
अब क्या बताएं किस कदर उसने की थी मेरे साथ बेवफाई
फिर भूल जाएगी मुझे दफनाने के बाद
मेरे मरने के बाद मेरा जनाजा उसकी गलियों में घुमा देना,
अगर वो दिख जाये तो एक बार उसका दीदार करा देना।
की ,,
हम दिल दुखे शायर है बेवफाओं पे वार करते हैं
और वो लाख कर ले सिताम हम पर
हम आज भी उन्हीं से प्यार करते हैं
मेरे इश्क में कुछ ऎसा तताथैया हो गया
वो राधा बन गई में कन्हैया हो गया
उसके जाते ही ,
मुझे मौत आ गयी थी !!
रूह तो टूट चुकी थी ,
पर थोड़ी सी जिम्मेदारी थी
जो लाश को संभाले जा रही थी !!
केसे भुल जाऊ उन रातो को तेरे साथ रहने का सच्चा ख्वाब सजाया था
दिल से तो छोड़ मेरी जान मैंने तुझे रूह से चाहा था
एक नई हसीना मुझे नवाब बोलती है
यह दुनिया मुझे खराब बोलती है अब तो तुम्हें मेरी बातें भी पसंद आने लगी यह मैं नहीं मेरी शराब बोलती है
ये खुदा तेरी कलम की श्याही खत्म है तो चल मेरा लहू लेले
यू किसी की अधूरी कहानी न लिखा कर चाहे तो मेरी जान लेले
इश्क करना है, तो किसी शायर से करो....
मर भी गए, तो उसके लफ्ज़ो में जिंदा रहा करो
तुझे चिट्ठियां नहीं... करवटों की नकल भेजेंगे,
जब हम मार जाए गे तो मेरी तड़प कहा देखोगे ,...
एक तू ही
एक शायरी सुना दूंगा,
याद रख में तुम सबको रुला दूंगा
जैसे तूने मुझे बदनाम किया
मै तुझे भी बदनाम कर दुगा
तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा
मै डूबा उसके इश्क में और वो अपने मजहब में उलझी रह गई ,,,,
मै कस्मे , वादे ,सब करने लगा इश्क मोहब्बत के और वो अपनी ही दुनियां में सिमट कर रह गई
इश्क की बंजर जमीन में मैं फूल खिला सकता हूं
और अपने हाथों में हाथ थाम कर गैरों का खूब घुमा सकता हूं
शुक्र कर मैं तुझे मोहब्बत मानता हूं
वरना तू जैसे 36 को मैं अपनी औकात दिखा सकता हूं
इश्क_की दुनिया के कायल सब है।
कोई कहता है, कोई छुपाता है
पर मगर घायल सब है...
की दिल के दर्द का तो पता ही ना था
उसने मुझे दर्द का अहसास कराया था
दर्द का एहसास कराने के लिए ही सही मगर उसने कुछ दिनों के लिए ही मुझे अपना बनाया तो था
हमने भी किसी से दिल लगाया था
हमने भी प्यार में धोखा खाया था
और हमें तो खबर ही नहीं थी कि
वो किसी और से मुंह काला करवा के मेरे पास आया था
जिंदगी ने एक बात तो सिखाई है
कि इश्क करने वालों के ही किस्मत में जुदाई है
मैं भी पागल था जो उस बेवफा के कहने पर आ गया
अरे मेरी मौत का तमाशा देखने खुदा भी जमीन पर आ गया
बातें अब नहीं करती बता रस्वाई है क्या
एक के बाद एक दिल पर जख्म दिये जा रही हैं सुन तू कशाई है क्या
अब मुझे परक नहीं पड़ता तू कसम खा या जहर
तेरी सेहत की चिंता होती थी मुझे
वो बात भी तो पुरानी है
की जरा ठहेर तुझे तेरी औकात दिखानी है
कुछ जाते है मंदिरो में, कुछ मस्जिदों की राह अपनाते है
पर मक़सद तो सबका एक ही, जिसे लोग ख़ुशी की फ़रियाद कहते है
वो मंदिर मस्जिद में फर्क करना भूल जाते है
जो राजनीति के चक्कर में पड़ जाते है
खून का रंग तो दोनों का लाल है
ये बहेकावे में आकर भुल जाते है
हमे नेक बनना था पर बदनाम बन बैठे है
कहीं बेवफ़ा तो कहीं कातिल बना बैठे हैं
हदे मोहब्बत की वो सारी पर कर बैठे हैं
वो खुद को बेवफ़ा और हमे शायर बना बैठे हैं
हमारे धर्मो को जब चाहते हो अकर तुम नंगा करा देते हो
वोट ज्यादा चाहते हो तो अकर दंगा करा देते हो
Good night sweet dreams my all friends
कभी जो अपना कहा करते थे आज वो पराई है
मुझे पता नहीं था कि मेरी किस्मत में जुदाई है
और रोता हुआ मुझे देखकर वह आज फिर मुस्कुराई है
मौत से ना डरता था ना कभी डर लूंगा
जिस पागल के लिए जीता था अब उसी पागल के लिए मरूंगा
चाहता था कि तुझे प्यार दूं
और अपनी दोस्ती में जिंदगी वार दूं
पर तूने दिया मुझे ऐसा धोखा
दिल करता है कि खुद को गोली मार दूं
बेचैनी इस कदर है कि हम सो नहीं पाते
बेचैनी इस कदर है कि हम सो नहीं पाते
लोग पूछते हैं रोज तेरा नाम पर हमले ही नहीं पाते
छलका दिया है प्यार मेरी आंखों ने
इससे बड़ा सबूत क्या दूं मैं
और तुम्हारी आंखें बहुत अच्छी लगती है मुझे तुम कहो तो इन्हें रुला दूं मै
दिल परेशान रहता हैं
शरीर बेजान रहेता है
लौट कर आजा मेरे हमदम
तेरे बगैर सब कुछ वीरान रहता हैं
इश्क़ किया था मैने उसकी कीमत भी चुकाया था
तेरे आशुओ से भी ज्यादा मैने अपना खून बहाया था
समझता ही नहीं वो शक्श
मेरे अल्फ़ाज़ों की गहराई।
मैने हर अल्फ़ाज़ में लिख दी है
अपनी तन्हाइयां ।
बेवफ़ा कह के बुलाया तो बुरा मान गए ,
आईना सामने आया तो बुरा मान गए !
उनकी हर रात गुज़रती है दिवाली की तरह ,
हमने एक दीप जलाया तो बुरा मान गए !
की ,,
जीना उसने मेरा हराम कर दिया
जीना उसने मेरा हराम कर दिया
उसने मुझे पूरे शहर में बदनाम कर दिया
और वो तो सितम करने वाले थे तभी तो जाते जाते महेखाना मेरे नाम कर दिया
जो मुझ पर बीती है
वो तुझ पर भी बीते गी
मरने की दुआ तो बहुत करेगी
मगर तुझे मौत भी ना मिलेगी
तेरे हर दुख को मैं अपना बना लेता
तेरे हर दर्द को मैं अपना बना देता
मुझे आती ही नहीं बेवफाई करना
वरना जिस तरह मै रो रहा हूं
उस तरह तुझे भी रुला देता
ना कम होगा
ना ज्यादा होगा
तुझसे प्यार है पगली
मरने के बाद ही खत्म होगा
जागना भी कबूल था
तेरी यादों में रात भर
तेरे एहसास का जो सुकून था
वह नींद में कहां
मेरी मोहब्बत का तमाशा बनना चाहती थी
आज रात भर मुझे रुलाना चाहती थी
मौत आई नहीं थी मुझे
फिर भी वो मुझे जिंदा दफनाना चाहती थी
मोहब्बत से अब भरोसा उठता जा रहा है
जिधर देखो उधर दर्द ही दर्द नजर अरहा है
जो उसने दिया है घाव वो 1 दिन भर जाएगा
मेरा लहू मोती बनकर बिखर जाएगा
दुनिया वालों मत पूछना किस ने दिया धोखा
वरना उस बेवफा का चेहरा उतर जाएगा
आए थे मौत के फरिश्ते मेरा फरमान लेकर
अब उन्हें कौन बताए नादान है बेचारे कोई जा चुका है पहले ही मेरी जान लेकर
उसने कहा मत देख मेरे सपने,
मुझे पाने की तेरी औकात नहीं,
मैंने हंस कर कहा,
सपनों में आना है तो आ जा पगली,
हकीकत में आने की तेरी औकात नहीं।
कोई था जो दिल में जख्म दे गया
जिंदगी भर के रोने का कसम दे गया
हमने तो उनके लिए फूल बिछाए थे
मगर वह जाते-जाते हमें कांटा दे गया
खामोशियां भी अक्सर , बहुत कुछ कह जातीं है, ज़नाब ..........शायद जिसे चाहकर भी आपके अल्फाज़ , कभी बयाँ ही ना कर पायें ......
लड़कियों को अपनी जान से ज्यादा चाहने का इनाम मिलता
दर्द और आँसू के अलावा कुछ नही मिलता
हमे पता था की मोहब्बत में ज़हर होता हैं ;
पर उसके पिलाने का अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !
मोहब्बत अमीरी गरीबी कहां देखती है,
दिल अक्सर अमीर का किसी गरीब पर आता है,
वो सच्चा इश्क़ मजबूरियों के वजह से मुकम्मल ना हो पाता है....
जहेंन से तो चली गई तू
पर दिल में मेरे कब जाएगी
मै याद रहु या न रहूं मगर मेरी याद तुझे भी तड़पाएगी
तुझे भूलने का कोई इरादा नहीं है
तेरे सिवा किसी और से प्यार अब करना नहीं हैं
निकाल तो देते दिल से तुमको
कमबख्त इस दिल में कोई दरवाजा नहीं है
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
जो कहा करते थे कि हम तुम्हें कभी भूल नहीं पाएंगे
वही शख्स कह रहा है आज तुम्हें तो हम अपने हाथों से मिटायेंगे
खुद का दुख खुद का दर्द खुद से ही बांट लेते हैं
जब आती है उस बेवफा की याद
जब आती है उस बेवफा की याद तो दो घूंट मार लेते हैं
अकेले में खुद से बातें करते हैं
तेरी यादों को हर पल संजोए रखते हैं ना ही तुझसे कोई शिकवा है बस
तेरी याद आने से पहले दो चार बोतल मंगा कर रखते हैं
मैं रोता रहा रात भर मगर फैसला न कर सका
तेरी यादों को भुलाने का कोई रास्ता न बना सका
और जाम तो था मेरी महफिल में मगर तेरे कसम के वजह से जाम को भी ना उठा सका
अगर वो खुश हैं मेरे आंख में आंसू देख कर
खुदा कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे
तड़पते रहेंगे उसे देखने को
मगर उसकी गली में जाना छोड़ देंगे
हमने सोचा यह मोहब्बत थी उनकी पर दिलों से खेलने की तो आदत थी उनकी
कहते थे कि इश्क है मुझे भी दिलो जान से
पर झूठ कहने की तो फितरत थी उनकी
मोहब्बत में झूठा ख्वाब दिखा गई वो
मेरे दोस्त मुझे जिंदा दफना गई वो
और कहती थी कि तेरा साया बनेंगी में
वक्त रहते अपनी औकात दिखा दी हो
*शुक्र है कि मौत सबको आती है*
*वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते*
*कि गरीब था इसलिए मर गया…!!*
😢😢
ज़िन्दगी ने मर्ज़ का क्या खूब इलाज सुझाया,
वक्त को दवा बताया
ख्वाहिशों से परहेज़ बताया|
दिल तो रोज़ कहता है
मुझे कोई सहारा चाहिए,
फ़िर दिमाग़ कहता है
क्यों तुम्हें धोखा दोबारा चाहिए।
#sad
वही दिन, वही राते, वही रोज का फसाना लगता है...
अभी कुछ दिन ही गुजरे है साल के ...फिर भी साल पुराना लगता है...
इश्क़ मौत है , पता था फ़िर भी बाज़ी लगाई थी हमने
खुद की दुनिया खुद के हाथो जलाई थी
हमने
तेरे चाँद जैसे चेहरे पर
थोड़ा सा रंग लगाना चाहते थे
तुम जो साथ होते तो इस बार
हम भी होली मानना चाहते थे
अब सर झुकने कि आदत नहीं
अब आंसू बहाने की आदत नहीं
अरे उसे तो हम दुआओ में मंगा करते थे
अब मुझे तेरे नाम की चादर चड़ने की आदत नहीं हैं
एक दफा आकर अपनी यादों को दफा करदो
रिहा करके खुद से तुम सनम अब वफा करदो
एक जाम से क्या होगा पूरी बोतल पिलाओ
मुझे अब उस बेवफा की याद मत दिलाओ
जिनकी याद में हम रहते हैं खोए
चलो अब उन्हें बुलाओ और मुझे जिन्दा दफनाओं
मेरी ज़िन्दगी को तामासा बाना दिया उसने
भरी महेफ़िल में तन्हा बैठा दिया उसने
ऐसी क्या थी नफ़रत उसको मेरे मासुम दिल से
खुशी चुरा कर सारे गम थामा दिया उसने
बहुत नाज था उसकी वफा पर हमको
पता कहा था कि एक दिन बेवफा कहेंगे उनको
हमे तो याद करने की फितरत नहीं उनकी
हवा का झोंका समझ कर भुला दिया हमको
दर्द से खेलना सीख गए हैं
तेरी यादों के सहारे जीना सीख गए है
और क्या बताए किस कदर तेरी याद में तड़पे है
अब मौत से पहले कफ़न ओड कर सोना सीख गए हैं।
थक गया हूं फिर भी सफर जारी है
मुझे तो उससे इश्क़ की बिमारी हैं
कहेता तो हू की भुला दिया उसे
मगर आज भी शराब पीना जारी है
ये दिल आज भी धोखे मै है
और धोखे बाज आज भी इस दिल में है
*वो कहती थी बहुत "पसंद" है...मुझे "मुस्कराहट" तुम्हारी......*
:
:
*बस "फिर" क्या..."छीन" के ले गई हंसी हमारी .💔*😢
आज एक नई कहानी का आगाज करते है
तुम करती हो बेवफाई पर हम प्यार करते है
तुम हमे याद करो या ना करो पर
हम आज भी तुम्हारे आने का इंतजार करते हैं
लौट के आना जब तुम जिंदगी में थक जाओ,
वादा करते हैं अश्को मैं डूब जाओगी यह देखकर,
कि हम आज भी तुम्हारे आने का इंतजार करते हैं
पता नही जिन्दगी में येसा मोड़ क्यों आया है
पहली ने शराबी और दूसरी ने शायर क्यों बनाया है
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो,
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो
कैसे कह दे कि लग जाए हमारी उम्र आपको,
क्या पता अगले पल हमारी उम्र ना हो।
😞😞
ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मगर मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं..!
मुझे खैरात में मिली ख़ुशियाँ अच्छी नहीं लगती,
मैं अपने ग़मों में भी रहता हूँ नवाबो की तरह..
सुना हैं होली आ रही हैं,
गोपियों हमसे जरा संभल के रहना,
क्युकी हम गालों पे रंग लगाकर
दिल का रंग चुरा लेते हैं
बहुत महसूस होता हे.....
.....तेरा महसूस ना महसूस करना...!
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता ......,
बात करना न सही , तुझे देखना तो नसीब होता.......
जाने यह कैसी मोहब्बत थी,
जेब से पैसे हमारे खर्च हुए ,
और तारीफे उनकी हुई।
*❣😔❣कभी जो दिल पूछ लेता है की तन्हा कब तक रहोगे,*❣😔❣
*❣😔❣मैं भी सवाल कर लेता हु की तुम धड़कना कब छोड़ोगे !!*❣😔❣
जमाने के लिए आज होली है
अब क्या बताएं मुझे तो उसकी यादें रोज रंग देती है
मोहब्बत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको मेरा पैगाम वादा ए वफ़ा करो तो खुद को फना करो वरना खुदा के लिए किसी की जिंदगी तबाह ना करो
हम गमों को छिपाने का कारोबार करते है,
कसूर बस इतना ही है,
हम गम देने वाले से ही बहुत प्यार करते है..!!
जब तुम आओगे तो हर राह को सजा देंगे
आप बनो दुल्हन हम हम जनाजा सज़ा लेगे 💔
हर दर्द को छिपाने का कारो बार कर बैठे
जो हमसे नफ़रत करते थे उन्हीं से प्यार कर बैठे
मोहब्बत में हादे सारी पार कर बैठे
उनकी मोहब्बत में शायर बन बैठे
Also see Ashiki Status
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