अपनी मुस्कुराहट को जरा काबू में रखिए,
दिल ए नादान कहीं
इस पे शहीद ना हो जाए.....!
उनकी चाल ही काफी थी
इस दिल के होश उड़ाने के लिए…
अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे…
मैंने तो देखा था
बस एक नजर के खातिर,
क्या खबर थी
कि रग-रग में समां जाओगे तुम...!!!<
बैठे है महफ़िल में…
इसी आस में वो निगाहें उठाएँ तो.
हम सलाम करें...
लाख समझाया उसको
कि दुनिया शक करती है,
मगर उसकी आदत नहीं गई
मुस्कुरा कर गुजरने की...
मैंने जब भी जाने की इज़ाज़त माँगी,
उन्होंने जुबां से हाँ कह कर
निगाहों से रोक लिया...!!!
अब तेरी आँखों की गहराई देखनी है,
समंदर तो नाकाम रहा मुझे डूबाने में...!!!
इस बेजान शीशे से मत पूछो
अपने बारे में,
पूछना है तो हमारी आँखों से पूछो
कितने लाजवाब हो तुम।
दिल का मौसम
कभी तो खुशगवार हो जाये,
एक पल को सही
तुझे भी मुझसे प्यार हो जाये…!..
अपने चेहरे को इतना मत निखारो...
मुझे डर है
कही मेरे चश्मे का नंबर ना बढ़ जाए...
तेरी आँखों में कशिश है इस कदर,
ये दिल बहलता ही नहीं
बल्कि बहक जाने की जिद करता है..
तेरी मोहब्बत में डूब कर
बूँद से दरिया हो जाऊँ...
मैं तुझसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ...!!!
तुम खुश-किश्मत हो जो
हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है
जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है.!
उन्होंने ने कहा
तुम्हारी आँखें बहुत खूबसूरत है,
हमने भी कह दिया
आपके ख्वाब जो देखती हैं...
अब मुझे कोई चिंता नहीं
नाम बदनाम होने की,
जब मोहब्बत जैसे गुनाह करेंगे
तो मशहूर भी तो होंगे...!!!
जाने क्या कशिश है
उसकी मदहोंश आँखों में,
नजर अंदाज जितना करो...
नज़र उस पे ही पड़ती है...
तेरा यूँ हलके से मुस्कुराना ही
मेरी ज़िन्दगी की सबसे कीमती चीज़ है...!!!
मुलाकातों की हमें ज़रुरत नहीं,
बस तुम हमारे दिल में रहो इतना ही बहुत है...
कुछ पल का साथ देकर
तुमने पल-पल के लिए
मुझे अपना मोहताज़ बना दिया ।।
क्या ऐसा नहीं हो सकता हम प्यार मांगे..
और तुम गले लगा के कहो,
“और कुछ”??
काश…!!!!
एक खवाहिश पूरी हो इबादत के बगैर…!!!
वो आ कर गले लगा ले...
मेरी इजाजत के बगैर!!!!!
यूँ तो आदत नहीं
मुझे मुड़ के देखने की..
तुम्हें देखा तो लगा..एक बार और देख लूँ…???
जान लेने पे तुले हे दोनो मेरी..
इश्क हार नही मानता..
दिल बात नही मानता...!!!
तरस गए हैं
तेरे लब से कुछ सुनने को हम...
प्यार की बात न सही
कोई शिकायत ही कर दे...
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है,
सब कहते थे...
जिस दिन तुझे देखा,
यकीन भी हो गया !!
वो रूठ्कर बोली
तुम्हे सारी शिकायते हमसे ही क्यू हैं,
हमने भी सर झुका कर बोल दिया कि
हमे सारी उम्मीदे भी तो तुम से ही हैं!
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समझा,
वरना खेल तो इतने खेले है
कि कभी हारे नही...!!
उसके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा,
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे...!!
यूँ तो कोई सबूत नहीं है
कि तुम मेरे हो...
ये दिल का रिश्ता तो सिर्फ यकीन से चलता है...
पिघल सी जाती हूँ
तेरी तस्वीर देख कर,
जरा छू कर बताना कहीं मैं मोम तो नहीं…
सरक गया जब
उसके रूख से पर्दा अचानक,
फ़रिश्ते भी कहने लगे
कि काश हम भी इन्सान होते !!
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